Thursday, May 30, 2013

चाय की प्याली

चाय की प्याली,बड़ी निराली,इसकी महिमा किसने है टाली,
पियें-पिलायें,मित्र बनाएं,संग पड़ोसी हों या हो प्यारी घरवाली।
इसमें कई बड़े-बड़े उलझे हैं,और बड़े-बड़े मसले सुलझे हैं,
हर घर का है यह प्रिय पेय,जो पियें इसे बस वही समझे हैं । 

इंसान गरम हो तो ठंडा करती,गर हो म्लान पड़ा तो गर्म,
ये अजीब सा जादू करती,कुछ-कुछ समझो इसका मर्म।
काम बनाना चाय पिलाओ,काम बन गया चाय पिलाओ,
गर रिश्ता पक्का करना हो,किसी शाम चाय पर बुलाओ।

सर पीड़ा तो चाय पिलाओ जो हो मन भारी तो चाय पिलाओ,
हर समस्या चुटकी में सुलझे,बस थोड़ी स्ट्रांग चाय बनाओ।
नींद भगानी तो चाय पियो,गर थकान मिटानी हो चाय पियो,
खालिस देशी सस्ता है ये पेय,खूब पियो और जुग-जुग जियो।

चाय,समोसा पूरक करके,कुछ सांठ-गांठ से काम चलाओ,
प्रभाव गहन बैठाना हो,मुस्की संग प्याली का हाथ बढ़ाओ।
फिर मुस्कान ख़ास रंग लाएगी,चाय दोगुना जादू जगाएगी,
गर आज नहीं तो कल जानेंगे और बातों का लोहा मानेंगे।

दुःख में चाय,सुख में चाय,तुम समझो इसका ये गहरा सार,
अगर रोज-रोज संग चाय पियो तो, बढ़ता है धीरे-धीरे प्यार।
मित्रों संग निंदा रस में डूबो,शिकवे तब्दील हों बन जाए हर्ष,
चाय प्याली संग विचार-विमर्श,रूठने और मनाने का स्पर्श।

बड़ी-बड़ी मीटिंग हों चाय,चाहे कितनी बड़ी सेटिंग तो चाय,
राजनीति की कूटनीतिक चाय,आम जन की माहमूली चाय।
तुलसी,इलायची,अदरक संग देखो,आयुर्वेद के नुस्खे भरे हैं,
ताजादम कर देती है ये,क्यों की इसमें एन्टीआक्सीडेंट भरे हैं। 
                                                              
                                                                                      ( जयश्री वर्मा )


 


2 comments:

  1. verm ji ! you are a Awesome writer. i am very thank to G+ that i meet to you on G+.

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  2. Main bhi aap jaise paathak or G+ ki shukraguzaar hoon.Aap ki hauslaafzaai ke liye dhanyavaad !

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